हवाई जहाज की यात्रा करना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है। वैसे तो आज के समय में हवाई यात्रा करना अब कोई आश्चर्यजनक बात नहीं रही। अब ये बिल्कूल आम हो चुकी है। लेकिन एक ऐसा समय था जब लोगों ने सोचा भी नहीं था कि वो कभी ऐसी किसी चीज में सवार होकर हवा में उड़ान भर सकेंगे। लेकिन इंसान ने अपनी कला और साइंस की मदद से इस सपना को सच कर दिखाया और बना दिया हवा में उड़ने वाला हवाई जहाज। लेकिन बात यहां पर उस दिन की हो रही है जब आम लोगों ने पहली बार हवाईजहाज में कब सफर किया था? आज इस वीडियो में हम आपको पहले यात्री विमान के बारे में बताएंगे और जानेंगे कि विमान को उड़ाने वाला पायलट कौन था और उसमें सफर करने के लिए लोगों को कितना रूपया देना पड़ा था।
विमान को उड़ाने वाला दुनिया का सबसे पहला पायलेट
ये कहानी आज से लगभग 108 साल पहले की है। जब 1 जनवरी 1914 को दुनिया के पहले यात्री विमान ने उड़ान भरी थी। यह उड़ान अमेरिका के फ्लोरिडा में दो शहरों सेंट पीटर्सबर्ग और टाम्पा के बीच भरी गई थी। दोनों शहरों के बीच की सड़क मार्ग से दूरी करीब 42 किलोमीटर है। लेकिन इस विमान ने करीब 34 किलोमीटर की हवाई यात्रा ही तय की थी। हलांकि दोनो शहरो के बीच 34 किलोमिटर की दूरी तय करने में विमान को लगभग 23 मिनट का समय लगा था। मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि यात्रियों ने पहली बार एक फ्लाइंग बोट में उड़ान भरी थी। जिसे सेंट लुई के थॉमस बेनवा ने डिजाइन किया था। इस फ्लाइंग बोट विमान का वजन करीब 567 किलोग्राम था। इसकी लंबाई 8 मीटर और चौड़ाई 13 मीटर थी। इसमें सिर्फ पायलट और एक यात्री के बैठने की जगह थी। इस विमान को उड़ाने वाले पायलट का नाम था टोनी जेनस वह एक हूनहार पायलट थे हालांकि यात्री विमान पहली बार ही उड़ाया था। फ्लाइंग बोट विमान को ट्रेन के जरिए सेंट पीटर्सबर्ग भेजा गया था। जब साल 1914 के पहले दिन पहली बार कोई यात्री विमान उड़ान भरने वाला था, तब उसके टिकट की नीलामी की गई थी, क्योंकि एक ही यात्री की सीट विमान में थी।
दुनिया का पहला हवाई टिकट जिसकी कीमत थी 400 डॉलर यानी करीब 6,02,129 रुपये है
इसके लिए करीब तीन हजार लोग सेंट पीटर्सबर्ग के उस वॉटरफ्रंट पर गए थे जहां टिकट की नीलामी होनी थी। यह टिकट फील नाम के शख्स ने खरीदी थी जो एक बिजनेसमैन था। यह दुनिया का पहला हवाई टिकट था और इसकी नीलामी 400 डॉलर में हुई थी। आज के हिसाब से वह 8,500 डॉलर यानी करीब 6,02,129 रुपये है। अब बात की जाए विमान की, तो उस बक्त विमान पानी के ऊपर से उडान भरी थी। और करीब 50 फीट ऊपर के आस पास ले जाया गया था। हलांकि बीच रास्ते में ही विमान के एक इंजन खराब हो गई और वह लगभग खाड़ी की सतह तक आ गया था, तब जेनस ने अपने वुद्धि का इस्तेमाल करते हुए कुछ चीजें ठीक की और दोबारा से उड़ान भरने शुरू कर दी। जब यह विमान टाम्पा में लैंड हुआ तो वहां 3,500 से ज्यादा लोगों ने तालियां बजाते और जश्न मनाते जेनस और फील का स्वागत किया।
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